हँसती हुई लड़की

हँसती हुई लड़की

एक आँसू में रहती है

इस एक आँसू में

जब वो छुप गई थी

तो उसे किसी ने नहीं ढूँडा

और इस एक आँसू में

जब वो घर गई थी

तो किसी को नहीं मिल सकी

इसी आँसू में से

हाथ बढ़ा के

उस ने फूल तोड़े थे

और इसी आँसू में से उस ने

वो किताब पढ़ी थी

जिस में आँसुओं से

तोड़े हुए फूल नहीं रखे जा सकते

हँसती हुई लड़की

बारिश में

इस एक आँसू से

बाहर नहीं जा सकती

वो चलती है

और हमेशा थक के बैठ जाती है

अपने काढ़े हुए रुमाल पर

वो सुनती है अपनी कही हुई कहानी

और हर बार रोने लगती है

हँसती हुई लड़की

अपनी हथेली पे

आँसुओं से

एक क़िला बना लेती है

और एक आँसू से

ज़ियादा नहीं रोती

(1288) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Hansti Hui LaDki In Hindi By Famous Poet Zeeshan Sahil. Hansti Hui LaDki is written by Zeeshan Sahil. Complete Poem Hansti Hui LaDki in Hindi by Zeeshan Sahil. Download free Hansti Hui LaDki Poem for Youth in PDF. Hansti Hui LaDki is a Poem on Inspiration for young students. Share Hansti Hui LaDki with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.