Ghazals of Abbas Rizvi

Ghazals of Abbas Rizvi
नामअब्बास रिज़वी
अंग्रेज़ी नामAbbas Rizvi
जन्म स्थानPakistan

ताबीर को तरसे हुए ख़्वाबों की ज़बाँ हैं

सितारे चाहते हैं माहताब माँगते हैं

मैं उस से दूर रहा उस की दस्तरस में रहा

जिस को हम समझते थे उम्र भर का रिश्ता है

जब कोई तीर हवादिस की कमाँ से आया

हम तिरे हुस्न-ए-जहाँ-ताब से डर जाते हैं

हर तरफ़ शोर-ए-फ़ुग़ाँ है कोई सुनता ही नहीं

गुज़र गया वो ज़माना वो ज़ख़्म भर भी गए

धुआँ सा फैल गया दिल में शाम ढलते ही

अहल-ए-जुनूँ थे फ़स्ल-ए-बहाराँ के सर गए

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