Sad Poetry of Abdullah Kamal
नाम | अब्दुल्लाह कमाल |
---|---|
अंग्रेज़ी नाम | Abdullah Kamal |
जन्म की तारीख | 1948 |
मौत की तिथि | 2010 |
जन्म स्थान | Mumbai |
कविताएं
Ghazal 13
Couplets 8
Love 13
Sad 10
Heart Broken 11
Bewafa 1
Hope 4
Islamic 1
देशभक्तिपूर्ण 1
ख्वाब 7
Sharab 2
सुलग रहा है कोई शख़्स क्यूँ अबस मुझ में
ख़ुश-शनासी का सिला कर्ब का सहरा हूँ मैं
तुम तो ऐ ख़ुशबू हवाओ उस से मिल कर आ गईं
वो शख़्स क्या है मिरे वास्ते सुनाएँ उसे
वादा-ए-वस्ल है लज़्ज़त-ए-इंतिज़ार उठा
उस की जाम-ए-जम आँखें शीशा-ए-बदन मेरा
इतना यक़ीन रख कि गुमाँ बाक़ी रहे
हसीन ख़्वाब न दे अब यक़ीन-ए-सादा दे
अपने होने का इक इक पल तजरबा करते रहे
अभी गुनाह का मौसम है आ शबाब में आ