इसी लिए हमें एहसास-ए-जुर्म है शायद
अभी हमारी मोहब्बत नई नई है ना
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राह भोला हूँ मगर ये मिरी ख़ामी तो नहीं
ये भी ख़ुद को हौसला देने का हीला है कि मैं
भाव ताओ में कमी बेशी नहीं हो सकती
नहीं था ध्यान कोई तोड़ते हुए सिगरेट
ये कह दिया है मिरे आँसुओं ने तंग आ कर
डुबो रहा है मुझे डूबने का ख़ौफ़ अब तक
साथियो अब मुझे रस्ते में उतरना होगा
तभी तो मैं मोहब्बत का हवालाती नहीं होता
इक वडेरा कुछ मवेशी ले के बैठा है यहाँ
तू मुझे तंग न कर ए दिल-ए-आवारा-मिज़ाज
बिछड़ने का इरादा है तो मुझ से मशवरा कर लो
इतनी सारी यादों के होते भी जब दिल में