Hope Poetry of Akbar Hyderabadi

Hope Poetry of Akbar Hyderabadi
नामअकबर हैदराबादी
अंग्रेज़ी नामAkbar Hyderabadi
जन्म की तारीख1925

चराग़-ए-राहगुज़र लाख ताबनाक सही

आँख में आँसू का और दिल में लहू का काल है

वारिस

ये कौन मेरी तिश्नगी बढ़ा बढ़ा के चल दिया

जब सुब्ह की दहलीज़ पे बाज़ार लगेगा

घुटन अज़ाब-ए-बदन की न मेरी जान में ला

दहकते कुछ ख़याल हैं अजीब अजीब से

बदन से रिश्ता-ए-जाँ मो'तबर न था मेरा

अता हुई किसे सनद नज़र नज़र की बात है

आँख में आँसू का और दिल में लहू का काल है

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