Bewafa Poetry of Akhtar Shirani
नाम | अख़्तर शीरानी |
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अंग्रेज़ी नाम | Akhtar Shirani |
जन्म की तारीख | 1905 |
मौत की तिथि | 1948 |
जन्म स्थान | Lahore |
कविताएं
Ghazal 38
Nazam 17
Couplets 46
Rubaai 3
Qita 1
Love 69
Sad 68
Heart Broken 56
Bewafa 13
Hope 42
Friendship 7
Islamic 16
Sufi 10
देशभक्तिपूर्ण 7
बारिश 9
ख्वाब 34
Sharab 30
काम आ सकीं न अपनी वफ़ाएँ तो क्या करें
इन वफ़ादारी के वादों को इलाही क्या हुआ
ऐ इश्क़ कहीं ले चल
ऐ इश्क़ हमें बर्बाद न कर
ज़मान-ए-हिज्र मिटे दौर-ए-वस्ल-ए-यार आए
वादा उस माह-रू के आने का
उस मह-जबीं से आज मुलाक़ात हो गई
कुछ तो तन्हाई की रातों में सहारा होता
किस की आँखों का लिए दिल पे असर जाते हैं
काम आ सकीं न अपनी वफ़ाएँ तो क्या करें
दिल-ए-दीवाना ओ अंदाज़-ए-बेबाकाना रखते हैं
आश्ना हो कर तग़ाफ़ुल आश्ना क्यूँ हो गए
आरज़ू वस्ल की रखती है परेशाँ क्या क्या