रगों में वो लहू बाक़ी नहीं है
वो दिल वो आरज़ू बाक़ी नहीं है
नमाज़ ओ रोज़ा ओ क़ुर्बानी ओ हज
ये सब बाक़ी है तू बाक़ी नहीं है
Mohsin Naqvi
Jaun Eliya
Wasi Shah
Javed Akhtar
Gulzar
Habib Jalib
Parveen Shakir
Ahmad Faraz
Allama Iqbal
Anwar Masood
Rahat Indori
Mir Taqi Mir
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सितारों से आगे जहाँ और भी हैं
अच्छा है दिल के साथ रहे पासबान-ए-अक़्ल
कहा 'इक़बाल' ने शैख़-ए-हरम से
जलाल-ए-पादशाही हो कि जमहूरी तमाशा हो
ख़ुदा तुझे किसी तूफ़ाँ से आश्ना कर दे
फ़क़त निगाह से होता है फ़ैसला दिल का
गुज़र जा अक़्ल से आगे कि ये नूर
ला-इलाहा-इल्लल्लाह
मिरी नवा से हुए ज़िंदा आरिफ़ ओ आमी
तिरे आज़ाद बंदों की न ये दुनिया न वो दुनिया
ज़मीर-ए-लाला मय-ए-लाल से हुआ लबरेज़
मिरे जुनूँ ने ज़माने को ख़ूब पहचाना