Sad Poetry of Amanat Lakhnavi

Sad Poetry of Amanat Lakhnavi
नामअमानत लखनवी
अंग्रेज़ी नामAmanat Lakhnavi
जन्म की तारीख1815
मौत की तिथि1858
जन्म स्थानLucknow

किस तरह 'अमानत' न रहूँ ग़म से मैं दिल-गीर

जी चाहता है साने-ए-क़ुदरत पे हूँ निसार

ज़मज़मा किस की ज़बाँ पर ब-दिल-ए-शाद आया

उलझा दिल-ए-सितम-ज़दा ज़ुल्फ़-ए-बुताँ से आज

सुब्ह-ए-विसाल-ए-ज़ीस्त का नक़्शा बदल गया

रूह को राह-ए-अदम में मिरा तन याद आया

रवाँ दवाँ नहीं याँ अश्क चश्म-ए-तर की तरह

लुत्फ़ अब ज़ीस्त का ऐ गर्दिश-ए-अय्याम नहीं

ख़ाना-ए-ज़ंजीर का पाबंद रहता हूँ सदा

हैं जल्वा-ए-तन से दर-ओ-दीवार बसंती

गिर पड़े दाँत हुए मू-ए-सर ऐ यार सफ़ेद

दिखलाए ख़ुदा उस सितम-ईजाद की सूरत

भूला हूँ मैं आलम को सरशार इसे कहते हैं

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