Love Poetry of Anjum Khaleeq

Love Poetry of Anjum Khaleeq
नामअंजुम ख़लीक़
अंग्रेज़ी नामAnjum Khaleeq
जन्म की तारीख1950

यही तुम पर भी खुलना है

तुम्हारी पोरों का लम्स अब तक.....

ख़ुश-आमदीद

चाँद हम दोनों से मुशाबह है

ये कैसी बात मिरा मेहरबान भूल गया

तहय्युर है बला का ये परेशानी नहीं जाती

सितमगरों से डरूँ चुप रहूँ निबाह करूँ

पलकों तक आ के अश्क का सैलाब रह गया

मिरे जुनूँ को हवस में शुमार कर लेगा

कुछ उज़्र पस-ए-वा'दा-ख़िलाफ़ी नहीं रखते

ख़ाक का रिज़्क़ यहाँ हर कस-ओ-ना-कस निकला

कार-ए-हुनर सँवारने वालों में आएगा

जहाँ सीनों में दिल शानों पे सर आबाद होते हैं

जब तक फ़सील-ए-जिस्म का दर खुल न जाएगा

हर शे'र से मेरे तिरा पैकर निकल आए

दस्तार-ए-हुनर बख़्शिश-ए-दरबार नहीं है

चाहे तू शौक़ से मुझे वहशत-ए-दिल शिकार कर

बदल चुके हैं सब अगली रिवायतों के निसाब

अंजुम ख़लीक़ Love Poetry in Hindi - Read famous Love Shayari, Romantic Ghazals & Sad Poetry written by अंजुम ख़लीक़. Largest collection of Love Poems, Sad Ghazals including Two Line Sher and SMS by अंजुम ख़लीक़. Share the अंजुम ख़लीक़ Love Potery, Romantic Hindi Ghazals and Sufi Shayari with your friends on whats app, facebook and twitter.