Sad Poetry of Anjum Khaleeq
नाम | अंजुम ख़लीक़ |
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अंग्रेज़ी नाम | Anjum Khaleeq |
जन्म की तारीख | 1950 |
कविताएं
Ghazal 23
Nazam 5
Couplets 7
Love 18
Sad 14
Heart Broken 18
Bewafa 3
Hope 14
Friendship 6
Islamic 3
Sufi 1
देशभक्तिपूर्ण 1
ख्वाब 5
Sharab 1
यही तुम पर भी खुलना है
तुम्हारी पोरों का लम्स अब तक.....
ख़ुश-आमदीद
ये कैसी बात मिरा मेहरबान भूल गया
तहय्युर है बला का ये परेशानी नहीं जाती
सितमगरों से डरूँ चुप रहूँ निबाह करूँ
मिरे जुनूँ को हवस में शुमार कर लेगा
कुछ उज़्र पस-ए-वा'दा-ख़िलाफ़ी नहीं रखते
कितना ढूँडा उसे जब एक ग़ज़ल और कही
कार-ए-हुनर सँवारने वालों में आएगा
कहो क्या मेहरबाँ ना-मेहरबाँ तक़दीर होती है
हर शे'र से मेरे तिरा पैकर निकल आए
चाहे तू शौक़ से मुझे वहशत-ए-दिल शिकार कर
ब-फ़ैज़-ए-आगही ये क्या अज़ाब देख लिया