Heart Broken Poetry of Anjum Khaleeq

Heart Broken Poetry of Anjum Khaleeq
नामअंजुम ख़लीक़
अंग्रेज़ी नामAnjum Khaleeq
जन्म की तारीख1950

ज़मीं की गोद में इतना सुकून था 'अंजुम'

क्या जानें सफ़र ख़ैर से गुज़रे कि न गुज़रे

ए'तिराफ़

ये कैसी बात मिरा मेहरबान भूल गया

यहाँ जो ज़ख़्म मिलते हैं वो सिलते हैं यहीं मेरे

सितमगरों से डरूँ चुप रहूँ निबाह करूँ

सदाक़तों को ये ज़िद है ज़बाँ तलाश करूँ

कितना ढूँडा उसे जब एक ग़ज़ल और कही

ख़ाक का रिज़्क़ यहाँ हर कस-ओ-ना-कस निकला

कार-ए-हुनर सँवारने वालों में आएगा

कहाँ तक और इस दुनिया से डरते ही चले जाना

जहाँ सीनों में दिल शानों पे सर आबाद होते हैं

हम अपने ज़ौक़-ए-सफ़र को सफ़र सितारा करें

हर शे'र से मेरे तिरा पैकर निकल आए

चाहे तू शौक़ से मुझे वहशत-ए-दिल शिकार कर

बीते हुए लम्हात को पहचान में रखना

बदल चुके हैं सब अगली रिवायतों के निसाब

अब शहर में अक़दार-कुशी एक हुनर है

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