नई क़ुर्बत में खो रही हो तुम
नई क़ुर्बत में खो रही हो तुम
दाग़ फ़ुर्क़त के धो रही हो तुम
याद मेरी मना रही हो क्या
उस के पहलू में सो रही हो तुम
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नई क़ुर्बत में खो रही हो तुम
दाग़ फ़ुर्क़त के धो रही हो तुम
याद मेरी मना रही हो क्या
उस के पहलू में सो रही हो तुम
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