Ghazals of Asim Wasti

Ghazals of Asim Wasti
नामआसिम वास्ती
अंग्रेज़ी नामAsim Wasti
जन्म की तारीख1958
जन्म स्थानAbu Dhabi

वक़्त बे-वक़्त ये पोशाक मिरी ताक में है

तुम इंतिज़ार के लम्हे शुमार मत करना

तुम भटक जाओ तो कुछ ज़ौक़-ए-सफ़र आ जाएगा

सामने रह कर न होना मसअला मेरा भी है

मिस्र फ़िरऔन की तहवील में आया हुआ है

मिरी नज़र मिरा अपना मुशाहिदा है कहाँ

मौजूद जो नहीं वही देखा बना हुआ

माना किसी ज़ालिम की हिमायत नहीं करते

मकाँ से दूर कहीं ला-मकाँ से होता है

कहाँ तलाश में जाऊँ कि जुस्तुजू तू है

होंटों को फूल आँख को बादा नहीं कहा

हर तरफ़ हद्द-ए-नज़र तक सिलसिला पानी का है

है नींद अभी आँख में पल भर में नहीं है

है मुस्तक़िल यही एहसास कुछ कमी सी है

गुज़र चुका है जो लम्हा वो इर्तिक़ा में है

एक आँसू में तिरे ग़म का अहाता करते

देर तक चंद मुख़्तसर बातें

दामन-ए-गुल में कहीं ख़ार छुपा देखते हैं

बनाई है तिरी तस्वीर मैं ने डरते हुए

अगर चुभती हुई बातों से डरना पड़ गया तो

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