Love Poetry of Asim Wasti

Love Poetry of Asim Wasti
नामआसिम वास्ती
अंग्रेज़ी नामAsim Wasti
जन्म की तारीख1958
जन्म स्थानAbu Dhabi

नहीं वो शम-ए-मोहब्बत रही तो फिर 'आसिम'

मुझे ख़बर ही नहीं थी कि इश्क़ का आग़ाज़

मिरी ज़बान के मौसम बदलते रहते हैं

लोग कहते हैं कि वो शख़्स है ख़ुशबू जैसा

कुछ वो भी तबीअत का सुखी ऐसा नहीं है

होंटों को फूल आँख को बादा नहीं कहा

तुम इंतिज़ार के लम्हे शुमार मत करना

तुम भटक जाओ तो कुछ ज़ौक़-ए-सफ़र आ जाएगा

सामने रह कर न होना मसअला मेरा भी है

मिस्र फ़िरऔन की तहवील में आया हुआ है

मिरी नज़र मिरा अपना मुशाहिदा है कहाँ

मौजूद जो नहीं वही देखा बना हुआ

माना किसी ज़ालिम की हिमायत नहीं करते

मकाँ से दूर कहीं ला-मकाँ से होता है

कहाँ तलाश में जाऊँ कि जुस्तुजू तू है

होंटों को फूल आँख को बादा नहीं कहा

हर तरफ़ हद्द-ए-नज़र तक सिलसिला पानी का है

है नींद अभी आँख में पल भर में नहीं है

है मुस्तक़िल यही एहसास कुछ कमी सी है

एक आँसू में तिरे ग़म का अहाता करते

दामन-ए-गुल में कहीं ख़ार छुपा देखते हैं

अगर चुभती हुई बातों से डरना पड़ गया तो

आसिम वास्ती Love Poetry in Hindi - Read famous Love Shayari, Romantic Ghazals & Sad Poetry written by आसिम वास्ती. Largest collection of Love Poems, Sad Ghazals including Two Line Sher and SMS by आसिम वास्ती. Share the आसिम वास्ती Love Potery, Romantic Hindi Ghazals and Sufi Shayari with your friends on whats app, facebook and twitter.