Heart Broken Poetry of Asim Wasti

Heart Broken Poetry of Asim Wasti
नामआसिम वास्ती
अंग्रेज़ी नामAsim Wasti
जन्म की तारीख1958
जन्म स्थानAbu Dhabi

ज़ाविया धूप ने कुछ ऐसा बनाया है कि हम

ये हम-सफ़र तो सभी अजनबी से लगते हैं

मैं इंहिमाक में ये किस मक़ाम तक पहुँचा

अजीब शोर मचाने लगे हैं सन्नाटे

वक़्त बे-वक़्त ये पोशाक मिरी ताक में है

तुम इंतिज़ार के लम्हे शुमार मत करना

तुम भटक जाओ तो कुछ ज़ौक़-ए-सफ़र आ जाएगा

सामने रह कर न होना मसअला मेरा भी है

मिस्र फ़िरऔन की तहवील में आया हुआ है

मिरी नज़र मिरा अपना मुशाहिदा है कहाँ

मौजूद जो नहीं वही देखा बना हुआ

मकाँ से दूर कहीं ला-मकाँ से होता है

होंटों को फूल आँख को बादा नहीं कहा

हर तरफ़ हद्द-ए-नज़र तक सिलसिला पानी का है

है नींद अभी आँख में पल भर में नहीं है

है मुस्तक़िल यही एहसास कुछ कमी सी है

गुज़र चुका है जो लम्हा वो इर्तिक़ा में है

एक आँसू में तिरे ग़म का अहाता करते

देर तक चंद मुख़्तसर बातें

दामन-ए-गुल में कहीं ख़ार छुपा देखते हैं

बनाई है तिरी तस्वीर मैं ने डरते हुए

आसिम वास्ती Heart Broken Poetry in Hindi - Read famous Heart Broken Shayari, Romantic Ghazals & Sad Poetry written by आसिम वास्ती. Largest collection of Heart Broken Poems, Sad Ghazals including Two Line Sher and SMS by आसिम वास्ती. Share the आसिम वास्ती Heart Broken Potery, Romantic Hindi Ghazals and Sufi Shayari with your friends on whats app, facebook and twitter.