Sad Poetry of Asima Tahir

Sad Poetry of Asima Tahir
नामआसिमा ताहिर
अंग्रेज़ी नामAsima Tahir

मिरे वजूद के अंदर है इक क़दीम मकान

ख़्वाब का इंतिज़ार ख़त्म हुआ

बाम-ओ-दर पर उतरने वाली धूप

नज़्म

नज़्म

ज़ख़्म खा के भी मुस्कुराते हैं

तेरी यादें बहाल रखती है

सुनहरी धूप से चेहरा निखार लेती हूँ

सदियों को बेहाल किया था

पौ फटते ही ट्रेन की सीटी जब कानों में गूँजती है

ख़ुद मैं धूनी रमाए बैठी हूँ

अपनी आँखें जो बंद कर देखूँ

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