फ़िदा अल्लाह की ख़िल्क़त पे जिस का जिस्म ओ जाँ होगा

फ़िदा अल्लाह की ख़िल्क़त पे जिस का जिस्म ओ जाँ होगा

वही अफ़्साना-ए-हस्ती का मीर-ए-दास्ताँ होगा

यक़ीं जिस का कलाम-ए-क़ुद्स अज्र-उल-मोहसिनीं पर हो

निको-कारी का उस की क़ाएल इक दिन कुल जहाँ होगा

हयात-ए-जावेदानी पाएगा वो इश्क़-ए-सादिक़ में

जो अन्क़ा की तरह मादूम होगा बे-निशाँ होगा

सफ़र राह-ए-मोहब्बत का चहल-क़दमी समझते हो

अभी देखोगे तुम इक इक क़दम पर हफ़्त-ख़्वाँ होगा

हमें गुलज़ार-ए-जन्नत है अज़ीज़ो बाग़-ए-दिल अपना

समझते हो कि जाँ-परवर है सेहन-ए-गुलिस्ताँ होगा

जो ईसार और हमदर्दी शिआर अपना बना लोगे

तो काँटा भी तुम्हें रश्क-ए-गुल-ए-बाग़-ए-जिनाँ होगा

ये क़िस्सा शम्अ ओ परवाने का बस मा-वशा तक है

वो हो जाएगा बज़्म-आरा तो फिर कोई कहाँ होगा

अदा-ए-फ़र्ज़ बर-हक़ पर खपा दो दोस्तो जाँ तक

ये वो सौदा है आख़िर को नहीं जिस में ज़ियाँ होगा

अज़ल से वाइज़ो के क़ौल दुनिया सुनती आई है

अमल का वक़्त भी कोई कभी ऐ मेहरबाँ होगा

तग़ाफ़ुल और सितम के बदले है अंदाज़ दिलदारी

सँभल ऐ शौक़-ए-बे-पायाँ तिरा अब इम्तिहाँ होगा

तही-दस्तान-ए-क़िस्मत को तो दम लेना क़यामत है

यहाँ कुछ हो गया इंसाफ़-ए-आशिक़ जो वहाँ होगा

न समझो खेल इस को बज़्म 'कैफ़ी' में वो जादू है

यहाँ गर ज़ाहिद-ए-ख़ुश्क आएगा पीर-ए-मुग़ाँ होगा

(971) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Fida Allah Ki KHilqat Pe Jis Ka Jism O Jaan Hoga In Hindi By Famous Poet Dattatriya Kaifi. Fida Allah Ki KHilqat Pe Jis Ka Jism O Jaan Hoga is written by Dattatriya Kaifi. Complete Poem Fida Allah Ki KHilqat Pe Jis Ka Jism O Jaan Hoga in Hindi by Dattatriya Kaifi. Download free Fida Allah Ki KHilqat Pe Jis Ka Jism O Jaan Hoga Poem for Youth in PDF. Fida Allah Ki KHilqat Pe Jis Ka Jism O Jaan Hoga is a Poem on Inspiration for young students. Share Fida Allah Ki KHilqat Pe Jis Ka Jism O Jaan Hoga with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.