सरोश

ये समुंदर

मौज-दर-मौज सलासिल

हल्के गहरे सब्ज़ नीले रंग

जिन पर जा-ब-जा चाँदी के धब्बे

उस किनारे पर गुलाबी रंग में डूबा हुआ इक गोल चेहरा

फैलते पानी में अपने आतिशीं होंटों की सुर्ख़ी घोलता जाए

मैं इक सोने की कश्ती में सवार

उन हसीं रंगों में मदहोश

उस किनारे की तरफ़ बढ़ता चला जाता हूँ

दूर सत्ह-ए-आब पर वो एक बगलों की क़तार

ये समुंदर के ऋषी ज्ञानी

जो पानी के हर इक सुर-ताल से आगाह हैं

अब तक ये बे-फ़िक्री से मौजों पर सवार

तैरते जाते थे

क्यूँ फिर दफ़अ'तन

टोली बना कर उड़ गए

मैं नज़र के तार पर रक़्साँ

वो नग़्मों के सुरों में गुम

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Sarosh In Hindi By Famous Poet Ejaz Farooqi. Sarosh is written by Ejaz Farooqi. Complete Poem Sarosh in Hindi by Ejaz Farooqi. Download free Sarosh Poem for Youth in PDF. Sarosh is a Poem on Inspiration for young students. Share Sarosh with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.