जब तुझे याद कर लिया सुब्ह महक महक उठी
जब तिरा ग़म जगा लिया रात मचल मचल गई
Rahat Indori
Habib Jalib
Mohsin Naqvi
Jaun Eliya
Javed Akhtar
Anwar Masood
Allama Iqbal
Faiz Ahmad Faiz
Wasi Shah
Mir Taqi Mir
Parveen Shakir
Ahmad Faraz
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
(2524) Peoples Rate This
रंग है दिल का मिरे
शरह-ए-फ़िराक़ मदह-ए-लब-ए-मुश्कबू करें
बाक़ी है कोई साथ तो बस एक उसी का
क़ंद-ए-दहन कुछ इस से ज़ियादा
आज की रात
खिले जो एक दरीचे में आज हुस्न के फूल
हसरत-ए-दीद में गुज़राँ हैं ज़माने कब से
सभी कुछ है तेरा दिया हुआ सभी राहतें सभी कुल्फ़तें
दस्त-ए-तह-ए-संग-आमदा
हिम्मत-ए-इल्तिजा नहीं बाक़ी
हज़र करो मिरे तन से
हसीना-ए-ख़्याल से