यूँ न किसी तरह कटी जब मिरी ज़िंदगी की रात
यूँ न किसी तरह कटी जब मिरी ज़िंदगी की रात
छेड़ के दास्तान-ए-ग़म दिल ने मुझे सुला दिया
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छेड़ के दास्तान-ए-ग़म दिल ने मुझे सुला दिया
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