Love Poetry of Fariha Naqvi

Love Poetry of Fariha Naqvi
नामफरीहा नक़वी
अंग्रेज़ी नामFariha Naqvi

तुम्हें पता है मिरे हाथ की लकीरों में

भली क्यूँ लगे हम को ख़ुशियों की दस्तक

ऐन मुमकिन है उसे मुझ से मोहब्बत ही न हो

हमारे कमरे में पत्तियों की महक ने

वो अगर अब भी कोई अहद निभाना चाहे

उसे भूलने का सितम कर रहे हैं

तुम्हें पाने की हैसिय्यत नहीं है

इसे भी छोड़ूँ उसे भी छोड़ूँ तुम्हें सभी से ही मसअला है?

ऐ मिरी ज़ात के सुकूँ आ जा

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