Khawab Poetry of Firaq Gorakhpuri
नाम | फ़िराक़ गोरखपुरी |
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अंग्रेज़ी नाम | Firaq Gorakhpuri |
जन्म की तारीख | 1896 |
मौत की तिथि | 1982 |
कविताएं
Ghazal 49
Nazam 7
Couplets 94
Rubaai 61
Love 92
Sad 89
Heart Broken 73
Bewafa 12
Hope 46
Friendship 36
Islamic 9
Sufi 16
Social 2
देशभक्तिपूर्ण 8
बारिश 4
ख्वाब 17
Sharab 16
शाम-ए-अयादत
परछाइयाँ
जुगनू
जुदाई
हिण्डोला
आधी रात
ये नर्म नर्म हवा झिलमिला रहे हैं चराग़
ये मौत-ओ-अदम कौन-ओ-मकाँ और ही कुछ है
सुना तो है कि कभी बे-नियाज़-ए-ग़म थी हयात
रस्म-ओ-राह-ए-दहर क्या जोश-ए-मोहब्बत भी तो हो
निगाह-ए-नाज़ ने पर्दे उठाए हैं क्या क्या
कुछ न कुछ इश्क़ की तासीर का इक़रार तो है
कमी न की तिरे वहशी ने ख़ाक उड़ाने में
जिसे लोग कहते हैं तीरगी वही शब हिजाब-ए-सहर भी है
हिज्र-ओ-विसाल-ए-यार का पर्दा उठा दिया
'फ़िराक़' इक नई सूरत निकल तो सकती है
अब अक्सर चुप चुप से रहें हैं यूँही कभू लब खोलें हैं