Heart Broken Poetry of Firaq Gorakhpuri (page 3)
नाम | फ़िराक़ गोरखपुरी |
---|---|
अंग्रेज़ी नाम | Firaq Gorakhpuri |
जन्म की तारीख | 1896 |
मौत की तिथि | 1982 |
कविताएं
Ghazal 49
Nazam 7
Couplets 94
Rubaai 61
Love 92
Sad 89
Heart Broken 73
Bewafa 12
Hope 46
Friendship 36
Islamic 9
Sufi 16
Social 2
देशभक्तिपूर्ण 8
बारिश 4
ख्वाब 17
Sharab 16
हिज्र-ओ-विसाल-ए-यार का पर्दा उठा दिया
हाथ आए तो वही दामन-ए-जानाँ हो जाए
हर नाला तिरे दर्द से अब और ही कुछ है
'फ़िराक़' इक नई सूरत निकल तो सकती है
इक रोज़ हुए थे कुछ इशारात ख़फ़ी से
दौर-ए-आग़ाज़-ए-जफ़ा दिल का सहारा निकला
बस्तियाँ ढूँढ रही हैं उन्हें वीरानों में
बहसें छिड़ी हुई हैं हयात-ओ-ममात की
अपने ग़म का मुझे कहाँ ग़म है
अब दौर-ए-आसमाँ है न दौर-ए-हयात है
आँखों में जो बात हो गई है
आज भी क़ाफ़िला-ए-इश्क़ रवाँ है कि जो था
आई है कुछ न पूछ क़यामत कहाँ कहाँ