Ghazals of Ghulam Mohammad Qasir (page 2)

Ghazals of Ghulam Mohammad Qasir (page 2)
नामग़ुलाम मोहम्मद क़ासिर
अंग्रेज़ी नामGhulam Mohammad Qasir
जन्म की तारीख1941
मौत की तिथि1999
जन्म स्थानPeshawar

हर एक पल की उदासी को जानता है तो आ

गुलाबों के नशेमन से मिरे महबूब के सर तक

गलियों की उदासी पूछती है घर का सन्नाटा कहता है

बयाबाँ दूर तक मैं ने सजाया था

बारूद के बदले हाथों में आ जाए किताब तो अच्छा हो

बन से फ़सील-ए-शहर तक कोई सवार भी नहीं

बन में वीराँ थी नज़र शहर में दिल रोता है

बग़ैर उस के अब आराम भी नहीं आता

अपने अशआर को रुस्वा सर-ए-बाज़ार करूँ

अक्स की सूरत दिखा कर आप का सानी मुझे

अकेला दिन है कोई और न तन्हा रात होती है

आँख से बिछड़े काजल को तहरीर बनाने वाले

आफ़ाक़ में फैले हुए मंज़र से निकल कर

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