Hope Poetry of Gopal Mittal

Hope Poetry of Gopal Mittal
नामगोपाल मित्तल
अंग्रेज़ी नामGopal Mittal
जन्म की तारीख1901
मौत की तिथि1993
जन्म स्थानDelhi

मुझे ज़िंदगी की दुआ देने वाले

क्या कीजिए कशिश है कुछ ऐसी गुनाह में

सुब्ह-ए-काज़िब

शब-ताब

नज़्म

कि दर गुफ़्तन नमी आयद

एक हुस्न-फ़रोश लड़की के नाम

उस ने माइल-ब-करम हो के बुलाया है मुझे

तेरा ख़ुलूस-ए-दिल तो महल्ल-ए-नज़र नहीं

शे'र कहने का मज़ा है अब तो

फिर वो नज़र है इज़्न-ए-तमाशा लिए हुए

किस को है हुस्न-ए-ख़ुदा-दाद का दावा देखें

कज-कुलाही की अदा याद आई

जो शुआ-ए-लब है मौज-ए-नौ-बहार-ए-नग़्मा है

फ़क़त इक शग़्ल बेकारी है अब बादा-कशी अपनी

दौर-ए-फ़लक के शिकवे गिले रोज़गार के

अगरचे बे-हिसी-ए-दिल मुझे गवारा नहीं

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