Hope Poetry of Goya Faqir Mohammad

Hope Poetry of Goya Faqir Mohammad
नामगोया फ़क़ीर मोहम्मद
अंग्रेज़ी नामGoya Faqir Mohammad
जन्म की तारीख1784
मौत की तिथि1850

वो तिफ़्ल-ए-नुसैरी आए शायद

ये इक तेरा जल्वा सनम चार सू है

उल्फ़त ये छुपाएँ हम किसी की

तुम वफ़ा का एवज़ जफ़ा समझे

क़त्ल उश्शाक़ किया करते हैं

नज़्ज़ारा-ए-रुख़-ए-साक़ी से मुझ को मस्ती है

लब-ए-जाँ-बख़्श पे दम अपना फ़ना होता है

क्यूँकर न ख़ुश हो सर मिरा लटक्का के दार में

क्या हैं शैदा-ए-क़द्द-ए-यार दरख़्त

हसरत ऐ जाँ शब-ए-जुदाई है

दुआएँ माँगीं हैं मुद्दतों तक झुका के सर हाथ उठा उठा कर

भूला है बा'द-ए-मर्ग मुझे दोस्त याँ तलक

अपना हर उज़्व चश्म-ए-बीना है

गोया फ़क़ीर मोहम्मद Hope Poetry in Hindi - Read famous Hope Shayari, Romantic Ghazals & Sad Poetry written by गोया फ़क़ीर मोहम्मद. Largest collection of Hope Poems, Sad Ghazals including Two Line Sher and SMS by गोया फ़क़ीर मोहम्मद. Share the गोया फ़क़ीर मोहम्मद Hope Potery, Romantic Hindi Ghazals and Sufi Shayari with your friends on whats app, facebook and twitter.