Hope Poetry of Habib Jalib (page 2)
नाम | हबीब जालिब |
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अंग्रेज़ी नाम | Habib Jalib |
जन्म की तारीख | 1929 |
मौत की तिथि | 1993 |
जन्म स्थान | Lahore |
कविताएं
Ghazal 71
Nazam 40
Couplets 22
Qita 17
Love 76
Sad 85
Heart Broken 88
Bewafa 25
Hope 44
Friendship 23
Islamic 13
Social 1
देशभक्तिपूर्ण 9
बारिश 9
ख्वाब 13
Sharab 2
इस शहर-ए-ख़राबी में ग़म-ए-इश्क़ के मारे
इस शहर-ए-ख़राबी में ग़म-ए-इश्क़ के मारे
हर-गाम पर थे शम्स-ओ-क़मर उस दयार में
गुलशन की फ़ज़ा धुआँ धुआँ है
ग़ज़लें तो कही हैं कुछ हम ने उन से न कहा अहवाल तो क्या
ग़ज़लें तो कही हैं कुछ हम ने उन से न कहा अहवाल तो क्या
दुश्मनों ने जो दुश्मनी की है
दरख़्त सूख गए रुक गए नदी नाले
भुला भी दे उसे जो बात हो गई प्यारे
बहुत रौशन है शाम-ए-ग़म हमारी
और सब भूल गए हर्फ़-ए-सदाक़त लिखना
और सब भूल गए हर्फ़ सदाक़त लिखना
अब तेरी ज़रूरत भी बहुत कम है मिरी जाँ
आग है फैली हुई काली घटाओं की जगह