सत्तार सय्यद कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का सत्तार सय्यद

सत्तार सय्यद कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का सत्तार सय्यद
नामसत्तार सय्यद
अंग्रेज़ी नामSattar Syed
जन्म की तारीख1949

यूँ एहतिमाम-ए-रद्द-ए-सहर कर दिया गया

शायद अब ख़त्म हुआ चाहता है अहद-ए-सुकूत

समुंदरों को सिखाता है कौन तर्ज़-ए-ख़िराम

सहर को साथ उड़ा ले गई सबा जैसे

लहू में फूल खिलाने कहाँ से आते हैं

कब बन-बास कटे इस शहर के लोगों का

ज़िंदगी के कटहरे में इक बे-ख़ता आदमी की तरह

यूँ एहतिमाम-ए-रद्द-ए-सहर कर दिया गया

वो चराग़ सा कफ़-ए-रहगुज़ार में कौन था

वही है दश्त-ए-सफ़र रहगुज़र से आगे भी

शिकोह-ए-आब में गुम थे जिहत-निशाँ मेरे

शहर-ए-ग़फ़लत के मकीं वैसे तो कब जागते हैं

पस-ए-आइना ख़द-ओ-ख़ाल में कोई और था

लहू में फूल खिलाने कहाँ से आते हैं

इक राज़-ए-दिलरुबा को बयाँ होना है अभी

चमके दूरी में कुछ अक्स निशानों के

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