मुझे तो इस ख़बर ने खो दिया है
सुना है मैं कहीं पाया गया हूँ
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मिरा तजरबा है कि इस ज़िंदगी में
ज़िंदगी का लुत्फ़ भी आ जाएगा
तिरे दिल में भी हैं कुदूरतें तिरे लब पे भी हैं शिकायतें
अब ख़ूब हँसेगा दीवाना
कोई चारा नहीं दुआ के सिवा
ये भी इक धोका था नैरंग-ए-तिलिस्म-ए-अक़्ल का
जैसे वीराने से टकरा के पलटती है सदा
जवानी के तराने गा रहा हूँ
आख़िरी रात
आने वाले जाने वाले हर ज़माने के लिए
दिल को वीराना कहोगे मुझे मालूम न था
मौत के चेहरे पे है क्यूँ मुर्दनी छाई हुई