हफ़ीज़ जौनपुरी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का हफ़ीज़ जौनपुरी (page 3)
नाम | हफ़ीज़ जौनपुरी |
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अंग्रेज़ी नाम | Hafeez Jaunpuri |
जन्म की तारीख | 1865 |
मौत की तिथि | 1918 |
सदमे जो कुछ हों दिल पे सहिए
क़ासिद ख़िलाफ़-ए-ख़त कहीं तेरा बयाँ न हो
पी हम ने बहुत शराब तौबा
पत्थर से न मारो मुझे दीवाना समझ कर
नाज़नीं जिन के कुछ नियाज़ नहीं
न आ जाए किसी पर दिल किसी का
मुसीबतें तो उठा कर बड़ी बड़ी भूले
मुँह मिरा एक एक तकता था
मोहब्बत क्या बढ़ी है वहम बाहम बढ़ते जाते हैं
मिज़्गाँ हैं ग़ज़ब अबरू-ए-ख़म-दार के आगे
मिरे ऐबों की इस्लाहें हुआ कीं बहस-ए-दुश्मन से
लिख दे आमिल कोई ऐसा ता'वीज़
कोई जहाँ में न यारब हो मुब्तला-ए-फ़िराक़
किसी को देख कर बे-ख़ुद दिल-ए-काम हो जाना
ख़ुद-ब-ख़ुद आँख बदल कर ये सवाल अच्छा है
ख़ुद-बख़ुद आँख बदल कर ये सवाल अच्छा है
ख़राब-ओ-ख़स्ता हुए ख़ाक में शबाब मिला
करना जो मोहब्बत का इक़रार समझ लेना
कहीं मरने वाले कहा मानते हैं
कहा ये किस ने कि वादे का ए'तिबार न था
जुनूँ के जोश में फिरते हैं मारे मारे अब
जाओ भी जिगर क्या है जो बेदाद करोगे
जब तक कि तबीअ'त से तबीअत नहीं मिलती
जान ही जाए तो जाए दर्द-ए-दिल
इसी ख़याल से तर्क उन की चाह कर न सके
इधर होते होते उधर होते होते
हम को दिखा दिखा के ग़ैरों के इत्र मलना
हुए इश्क़ में इम्तिहाँ कैसे कैसे
हो तर्क किसी से न मुलाक़ात किसी की
हसीनों से फ़क़त साहिब-सलामत दूर की अच्छी