Friendship Poetry of Hafeez Jaunpuri

Friendship Poetry of Hafeez Jaunpuri
नामहफ़ीज़ जौनपुरी
अंग्रेज़ी नामHafeez Jaunpuri
जन्म की तारीख1865
मौत की तिथि1918

हसीनों से फ़क़त साहिब-सलामत दूर की अच्छी

यूँ उठा दे हमारे जी से ग़रज़

ये सब कहने की बातें हैं कि ऐसा हो नहीं सकता

वस्ल आसान है क्या मुश्किल है

उस को आज़ादी न मिलने का हमें मक़्दूर है

साथ रहते इतनी मुद्दत हो गई

मिरे ऐबों की इस्लाहें हुआ कीं बहस-ए-दुश्मन से

लिख दे आमिल कोई ऐसा ता'वीज़

किसी को देख कर बे-ख़ुद दिल-ए-काम हो जाना

जान ही जाए तो जाए दर्द-ए-दिल

हसीनों से फ़क़त साहिब-सलामत दूर की अच्छी

गो ये रखती नहीं इंसान की हालत अच्छी

दिल इस लिए है दोस्त कि दिल में है जा-ए-दोस्त

दिल है तो तिरे वस्ल के अरमान बहुत हैं

बिगड़ जाते थे सुन कर याद है कुछ वो ज़माना भी

अजब ज़माने की गर्दिशें हैं ख़ुदा ही बस याद आ रहा है

अफ़्सुर्दगी-ए-दिल से ये रंग है सुख़न में

अब तो नहीं आसरा किसी का

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