Sharab Poetry of Hafeez Jaunpuri

Sharab Poetry of Hafeez Jaunpuri
नामहफ़ीज़ जौनपुरी
अंग्रेज़ी नामHafeez Jaunpuri
जन्म की तारीख1865
मौत की तिथि1918

ज़ाहिद को रट लगी है शराब-ए-तुहूर की

थे चोर मय-कदे के मस्जिद के रहने वाले

पी लो दो घूँट कि साक़ी की रहे बात 'हफ़ीज़'

यूँ उठा दे हमारे जी से ग़रज़

यही मसअला है जो ज़ाहिदो तो मुझे कुछ इस में कलाम है

वो हम-कनार है जाम-ए-शराब हाथ में है

वस्ल में आपस की हुज्जत और है

उस को आज़ादी न मिलने का हमें मक़्दूर है

सुब्ह को आए हो निकले शाम के

शब-ए-विसाल ये कहते हैं वो सुना के मुझे

साथ रहते इतनी मुद्दत हो गई

पी हम ने बहुत शराब तौबा

पत्थर से न मारो मुझे दीवाना समझ कर

मुसीबतें तो उठा कर बड़ी बड़ी भूले

मिज़्गाँ हैं ग़ज़ब अबरू-ए-ख़म-दार के आगे

किसी को देख कर बे-ख़ुद दिल-ए-काम हो जाना

ख़ुद-ब-ख़ुद आँख बदल कर ये सवाल अच्छा है

ख़ुद-बख़ुद आँख बदल कर ये सवाल अच्छा है

दुनिया में यूँ तो हर कोई अपनी सी कर गया

दिया जब जाम-ए-मय साक़ी ने भर के

दिल को इसी सबब से है इज़्तिराब शायद

बैठ जाता हूँ जहाँ छाँव घनी होती है

अफ़्सुर्दगी-ए-दिल से ये रंग है सुख़न में

अदा परियों की सूरत हूर की आँखें ग़ज़ालों की

अब तो नहीं आसरा किसी का

आग़ाज़-ए-मोहब्बत में बरसों यूँ ज़ब्त से हम ने काम लिया

आग़ाज़-ए-मोहब्बत में बरसों यूँ ज़ब्त से हम ने काम लिया

हफ़ीज़ जौनपुरी Sharab Poetry in Hindi - Read famous Sharab Shayari, Romantic Ghazals & Sad Poetry written by हफ़ीज़ जौनपुरी. Largest collection of Sharab Poems, Sad Ghazals including Two Line Sher and SMS by हफ़ीज़ जौनपुरी. Share the हफ़ीज़ जौनपुरी Sharab Potery, Romantic Hindi Ghazals and Sufi Shayari with your friends on whats app, facebook and twitter.