हनीफ़ अख़गर कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का हनीफ़ अख़गर (page 2)
नाम | हनीफ़ अख़गर |
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अंग्रेज़ी नाम | Haneef Akhgar |
जन्म की तारीख | 1928 |
मौत की तिथि | 2009 |
जन्म स्थान | america |
आँखों में जल रहे थे दिए ए'तिबार के
आइने में है फ़क़त आप का अक्स
यादों का शहर-ए-दिल में चराग़ाँ नहीं रहा
वो मुझे सोज़-ए-तमन्ना की तपिश समझा गया
वो दिल में और क़रीब-ए-रग-ए-गुलू भी मिले
तुम ख़ुद ही मोहब्बत की हर इक बात भुला दो
तोड़ कर जोड़ दिया करते हो क्या करते हो
शिकस्ता दिल किसी का हो हम अपना दिल समझते हैं
साज़ में सोज़ जब नहीं आता
संग बरसेंगे और मुस्कुराएँगे हम
नफ़स नफ़स ने उड़ाईं हवाइयाँ क्या क्या
ख़ल्वत-ए-जाँ में तिरा दर्द बसाना चाहे
जल्वों का जो तेरे कोई प्यासा नज़र आया
इतना सुकून तो ग़म-ए-पिन्हाँ में आ गया
इश्क़ में दिल का ये मंज़र देखा
इश्क़ जब मंज़िल-ए-आख़िर से गुज़रता होगा
इस तरह मह-रुख़ों को पशेमाँ करेंगे हम
इस तरह अहद-ए-तमन्ना को गुज़ारे जाइए
हाल-ए-दिल-ए-बीमार समझ में चारागरों की आए कम
दिल की मिरे बिसात क्या एक दिया बुझा हुआ
देखना ये इश्क़ में हुस्न-ए-पज़ीराई के रंग
अज़्म-ए-सफ़र से पहले भी और ख़त्म-ए-सफ़र से आगे भी
अपनी नज़रों को भी दीवार समझता होगा