Love Poetry of Hasan Akhtar Jaleel
नाम | हसन अख्तर जलील |
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अंग्रेज़ी नाम | Hasan Akhtar Jaleel |
कविताएं
Ghazal 16
Couplets 4
Love 14
Sad 16
Heart Broken 15
Bewafa 3
Hope 8
Friendship 1
Islamic 4
Sufi 1
ख्वाब 3
सीने में चराग़ जल रहा है
शब की दहलीज़ से किस हाथ ने फेंका पत्थर
रात लम्बी भी है और तारीक भी शब-गुज़ारी का सामाँ करो दोस्तो
फाँदती फिरती हैं एहसास के जंगल रूहें
निभाओ अब उसे जो वज़्अ भी बना ली है
ख़ला के दश्त में ये तुर्फ़ा माजरा भी है
कर के संग-ए-ग़म-ए-हस्ती के हवाले मुझ को
जलती हुई रुतों के ख़रीदार कौन हैं
इक भयानक तीरगी है रौशनी ऐ रौशनी
दिल को आमादा-ए-वफ़ा रखिए
दिल की तरफ़ निगाह-ए-तग़ाफ़ुल रहा करे
बरसों तिरी तलब में सफ़ीना रवाँ रहा
आरज़ू की हमा-हामी और मैं
आई पतझड़ गिरे फ़स्ल-ए-गुल के निशाँ रात-भर में