Heart Broken Poetry of Heera Lal Falak Dehlvi

Heart Broken Poetry of Heera Lal Falak Dehlvi
नामहीरा लाल फ़लक देहलवी
अंग्रेज़ी नामHeera Lal Falak Dehlvi

याद इतना है मिरे लब पे फ़ुग़ाँ आई थी

वुसअ'त तिलिस्म-ख़ाना-ए-आलम की क्या कहूँ

मैं ने अंजाम से पहले न पलट कर देखा

क्या बात है नज़रों से अंधेरा नहीं जाता

चराग़-ए-इल्म रौशन-दिल है तेरा

ज़माना देखता है हंस के चश्म-ए-ख़ूँ-फ़िशाँ मेरी

ये और बात है हर शख़्स के गुमाँ में नहीं

तारों से माहताब से और कहकशाँ से क्या

सुकून-ए-दिल के लिए और क़रार-ए-जाँ के लिए

रौशन है फ़ज़ा शम्स कोई है न क़मर है

रंग-आमेज़ी से पैदा कुछ असर ऐसा हुआ

निय्यत अगर ख़राब हुई है हुज़ूर की

मेरी हस्ती में मिरी ज़ीस्त में शामिल होना

क्या कहें क्यूँकर हुआ तूफ़ान में पैदा क़फ़स

कू-ए-जानाँ में नहीं कोई गुज़र की सूरत

दिल शादमाँ हो ख़ुल्द की भी आरज़ू न हो

अश्क-ए-ग़म वो है जो दुनिया को दिखा भी न सकूँ

आह-ए-ज़िंदाँ में जो की चर्ख़ पे आवाज़ गई

हीरा लाल फ़लक देहलवी Heart Broken Poetry in Hindi - Read famous Heart Broken Shayari, Romantic Ghazals & Sad Poetry written by हीरा लाल फ़लक देहलवी. Largest collection of Heart Broken Poems, Sad Ghazals including Two Line Sher and SMS by हीरा लाल फ़लक देहलवी. Share the हीरा लाल फ़लक देहलवी Heart Broken Potery, Romantic Hindi Ghazals and Sufi Shayari with your friends on whats app, facebook and twitter.