देशभक्तिपूर्ण Poetry (page 4)
अफ़्सुर्दगी-ए-दिल से ये रंग है सुख़न में
हफ़ीज़ जौनपुरी
तराना-ए-पाकिस्तान
हफ़ीज़ जालंधरी
रक़्क़ासा
हफ़ीज़ जालंधरी
इरशाद की याद में
हफ़ीज़ जालंधरी
कल ज़रूर आओगे लेकिन आज क्या करूँ
हफ़ीज़ जालंधरी
जल्वा-ए-हुस्न को महरूम-ए-तमाशाई कर
हफ़ीज़ जालंधरी
हैरान न हो देख मैं क्या देख रहा हूँ
हफ़ीज़ जालंधरी
इक बार फिर वतन में गया जा के आ गया
हफ़ीज़ जालंधरी
ज़ुल्मत को ज़िया सरसर को सबा बंदे को ख़ुदा क्या लिखना
हबीब जालिब
यौम-ए-मई
हबीब जालिब
सहाफ़ी से
हबीब जालिब
मुशीर
हबीब जालिब
जम्हूरियत
हबीब जालिब
तुम से पहले वो जो इक शख़्स यहाँ तख़्त-नशीं था
हबीब जालिब
'फ़ैज़' और 'फ़ैज़' का ग़म भूलने वाला है कहीं
हबीब जालिब
ग़ुर्बत बस अब तरीक़-ए-मोहब्बत को क़त्अ कर
हबीब मूसवी
वो यूँ शक्ल-ए-तर्ज़-ए-बयाँ खींचते हैं
हबीब मूसवी
मेहर-ओ-उल्फ़त से मआल-ए-तहज़ीब
हबीब मूसवी
फ़लक की गर्दिशें ऐसी नहीं जिन में क़दम ठहरे
हबीब मूसवी
बना के आईना-ए-तसव्वुर जहाँ दिल-ए-दाग़-दार देखा
हबीब मूसवी
फ़लाह-ए-आदमियत में सऊबत सह के मर जाना
गुलज़ार देहलवी
विरासत
गुलज़ार
उर्दू ज़बाँ
गुलज़ार
मैं काएनात में
गुलज़ार
रुके रुके से क़दम रुक के बार बार चले
गुलज़ार
मैं इक मुसाफ़ि-ए-तन्हा मिरा सफ़र तन्हा
गुहर खैराबादी
नज़्ज़ारा-ए-रुख़-ए-साक़ी से मुझ को मस्ती है
गोया फ़क़ीर मोहम्मद
हाथ से कुछ न तिरे ऐ मह-ए-कनआँ होगा
गोया फ़क़ीर मोहम्मद
हसरत ऐ जाँ शब-ए-जुदाई है
गोया फ़क़ीर मोहम्मद
स्वाँग अब तर्क-ए-मोहब्बत का रचाया जाए
गोपाल मित्तल