Love Poetry of Ibn-e-Safi

Love Poetry of Ibn-e-Safi
नामइब्न-ए-सफ़ी
अंग्रेज़ी नामIbn-e-Safi
जन्म की तारीख1928
मौत की तिथि1980
जन्म स्थानKarachi

किसी की सदा

हुस्न बना जब बहती गंगा

चाँद का हुस्न भी ज़मीन से है

बिल-आख़िर थक हार के यारो हम ने भी तस्लीम किया

ज़ेहन से दिल का बार उतरा है

यूँही वाबस्तगी नहीं होती

राह-ए-तलब में कौन किसी का अपने भी बेगाने हैं

लब-ओ-रुख़्सार ओ जबीं से मिलिए

कुछ तो तअल्लुक़ कुछ तो लगाओ

छलकती आए कि अपनी तलब से भी कम आए

बड़े ग़ज़ब का है यारो बड़े अज़ाब का ज़ख़्म

आज की रात कटेगी क्यूँ कर साज़ न जाम न तो मेहमान

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