Ghazals of Iftikhar Raghib

Ghazals of Iftikhar Raghib
नामइफ़्तिख़ार राग़िब
अंग्रेज़ी नामIftikhar Raghib
जन्म की तारीख1973
जन्म स्थानBihar

वो कहते हैं कि आँखों में मिरी तस्वीर किस की है

तर्क-ए-तअल्लुक़ात नहीं चाहता था मैं

तक़दीर-ए-वफ़ा का फूट जाना

फिर उठाया जाऊँगा मिट्टी में मिल जाने के बाद

मुज़्तरिब आप के बिना है जी

जी चाहता है जीना जज़्बात के मुताबिक़

इंकार ही कर दीजिए इक़रार नहीं तो

हो चराग़-ए-इल्म रौशन ठीक से

इक बड़ी जंग लड़ रहा हूँ

दिन में आने लगे हैं ख़्वाब मुझे

दिल से जब आह निकल जाएगी

छोड़ा न मुझे दिल ने मिरी जान कहीं का

चश्म-ए-तर को ज़बान कर बैठे

चाहतों का सिलसिला है मुस्तक़िल

अंदाज़-ए-सितम उन का निहायत ही अलग है

अच्छे दिनों की आस लगा कर मैं ने ख़ुद को रोका है

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