इम्दाद इमाम असर कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का इम्दाद इमाम असर (page 2)
नाम | इम्दाद इमाम असर |
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अंग्रेज़ी नाम | Imdad Imam Asar |
जन्म की तारीख | 1849 |
मौत की तिथि | 1933 |
जन्म स्थान | Patna |
तेरी जानिब से मुझ पे क्या न हुआ
सूली चढ़े जो यार के क़द पर फ़िदा न हो
सुब्ह-दम रोती जो तेरी बज़्म से जाती है शम्अ
शैख़ के हाल पर तअस्सुफ़ है
रोते हैं सुन के कहानी मेरी
क़ैद-ए-तन से रूह है नाशाद क्या
मेरे सर में जो रात चक्कर था
महफ़िल में उस पे रात जो तू मेहरबाँ न था
लोग जब तेरा नाम लेते हैं
क्यूँ देखिए न हुस्न-ए-ख़ुदा-दाद की तरफ़
किसी का दिल को रहा इंतिज़ार सारी रात
कब ग़ैर हुआ महव तिरी जल्वागरी का
झूटे वादों पर तुम्हारी जाएँ क्या
जफ़ाएँ होती हैं घुटता है दम ऐसा भी होता है
जब ख़ुदा को जहाँ बसाना था
हुस्न की जिंस ख़रीदार लिए फिरती है
ग़म नहीं मुझ को जो वक़्त-ए-इम्तिहाँ मारा गया
दिल से क्या पूछता है ज़ुल्फ़-ए-गिरह-गीर से पूछ
दिल संग नहीं है कि सितमगर न भर आता
बहे साथ अश्क के लख़्त-ए-जिगर तक
अपनी जाँ-बाज़ी का जिस दम इम्तिहाँ हो जाएगा
अपने दर से जो उठाते हैं हमें