Friendship Poetry of Imdad Imam Asar

Friendship Poetry of Imdad Imam Asar
नामइम्दाद इमाम असर
अंग्रेज़ी नामImdad Imam Asar
जन्म की तारीख1849
मौत की तिथि1933
जन्म स्थानPatna

कुछ समझ कर उस मह-ए-ख़ूबी से की थी दोस्ती

दोस्ती की तुम ने दुश्मन से अजब तुम दोस्त हो

ज़बान-ए-हाल से हम शिकवा-ए-बेदाद करते हैं

तेरी जानिब से मुझ पे क्या न हुआ

सूली चढ़े जो यार के क़द पर फ़िदा न हो

सुब्ह-दम रोती जो तेरी बज़्म से जाती है शम्अ

क़ैद-ए-तन से रूह है नाशाद क्या

महफ़िल में उस पे रात जो तू मेहरबाँ न था

क्यूँ देखिए न हुस्न-ए-ख़ुदा-दाद की तरफ़

किसी का दिल को रहा इंतिज़ार सारी रात

कब ग़ैर हुआ महव तिरी जल्वागरी का

जब ख़ुदा को जहाँ बसाना था

हुस्न की जिंस ख़रीदार लिए फिरती है

ग़म नहीं मुझ को जो वक़्त-ए-इम्तिहाँ मारा गया

अपनी जाँ-बाज़ी का जिस दम इम्तिहाँ हो जाएगा

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