आसिफ़ुद्दौला कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का आसिफ़ुद्दौला
नाम | आसिफ़ुद्दौला |
---|---|
अंग्रेज़ी नाम | Asif-ud-Daula |
जन्म की तारीख | 1748 |
मौत की तिथि | 1797 |
जन्म स्थान | Lucknow |
ये न आने के बहाने हैं सभी वर्ना मियाँ
तेरे कूचे में नक़्श-ए-पा की तरह
फबा है रुख़ पे तिरे ख़ुश-नुमा सनम लेकिन
मिलते ही नज़र दिल को मिलाया नहीं जाता
कहता है बहुत कुछ वो मुझे चुपके ही चुपके
जिस घड़ी तेरे आस्ताँ से गए
इस अदा से मुझे सलाम किया
हम इश्क़ के बंदे हैं मज़हब से नहीं वाक़िफ़
फ़ाएदा क्या है नसीहत से फिरे हो नासेह
ये अश्क चश्मों में हमदम रहे रहे न रहे
या डर मुझे तेरा है कि मैं कुछ नहीं कहता
वहशत में सू-ए-दश्त जो ये आह ले गई
तालिब हो वहाँ आन के क्या कोई सनम का
सीने में दाग़ है तपिश-ए-इंतिज़ार का
शक्ल उस की किसी सूरत से जो दिखलाए हमें
सबा कहियो ज़बानी मेरी टुक उस सर्व-क़ामत को
क़ासिद तो लिए जाता है पैग़ाम हमारा
पूछते क्या हो मिरे तुम दिल-ए-दीवाने से
नामा तिरा मैं ले कर मुँह देख रह गया था
मिलने को तुझ से दिल तो मिरा बे-क़रार है
मिरे दिल को ज़ुल्फ़ों की ज़ंजीर कीजो
मर गया ग़म में तिरे हाए में रोता रोता
क्या फ़ाश करूँ ग़म-ए-निहाँ को
किस क़दर दर्द के शब करता था मज़कूर तिरा
जो शमशीर तेरी अलम देखते हैं
जिस घड़ी तेरे आस्ताँ से गए
जिस दिन से यार मुझ से वो शोख़ आश्ना हुआ
जिस दम तिरे कूचे से हम आन निकलते हैं
जब से मेरे दिल में आ कर इश्क़ का थाना हुआ
इस अदा से मुझे सलाम किया