Ghazals of Muzaffar Abdali
नाम | मुज़फ़्फ़र अबदाली |
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अंग्रेज़ी नाम | Muzaffar Abdali |
जन्म स्थान | Delhi |
यक़ीन आज भी वहम-ओ-गुमान में गुम है
रीत पर इक निशान है शायद
रेत के शानों पे शबनम की नमी रात गए
रौनक़-ए-अर्ज़-ओ-समा शम्स ओ क़मर मैं ही हूँ
मैं जो बद-हवास था महव-ए-कयास तुम भी थे
किस ने देखी है बहारों में ख़िज़ाँ मेरे सिवा
ख़्वाब उम्मीद से सरशार भी हो जाए तो क्या
ख़ुदा भी कैसा हुआ ख़ुश मिरे क़रीने पर
ख़मोशी की गिरह खोले सर-ए-आवाज़ तक आए
ख़ल्वत-ए-जाँ से चली बात ज़बाँ तक पहुँची
बयाबाँ को पशेमानी बहुत है