है जिन के बाज़ुओं में दम वो दरिया पार कर लेंगे
बहुत मुमकिन है डूबें वो जो बैठे हैं सफ़ीने में
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मुश्किलों में मुस्कुराना सीखिए
बात सच-मुच में निराली हो गई
गर न समझा तो 'नीरज' लगेगी कठिन
मुझे रास वीरानियाँ आ गई हैं
मुश्किलों की यही हैं बड़ी मुश्किलें
इधर ये ज़बाँ कुछ बताती नहीं है
अजब ये दौर आया है कि जिस में
दर्द दिल में मगर लब पे मुस्कान है
तुम से मिल कर देर तलक
ज़बान पर सभी की बात है फ़क़त सवार की
आप आँखों में बस गए जब से