जाते क्यूँ नहीं हो
ये घर मेरा नहीं है
जो तुम अंदर आना चाहते हो
मैं घर में रह कर भी बे-घर हूँ
और तुम को यक़ीं नहीं आता
बार बार मना करने के बावजूद
नहीं जाना चाहते हो
और मुझे इस बे-घरी में
बे-घर कर देना चाहते हो
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आईना मेरा बदल कर ले गया
आज कुआँ भी चीख़ उठा है
आँसू
आँख से आँसू टपका होगा
बे-घरी
उन से ऐ दोस्त मिरा यूँ कोई रिश्ता तो न था
रो पड़ीं आँखें बहुत 'साहिल' मिरी
असासा
क्या परिंदे लौट कर आए नहीं
ख़ुद को ख़ुद में तहलील करो
अब के वो ऐसे सफ़र पर क्या गए
बकरी ''में-में'' करती है