संसार की हर शय का इतना ही फ़साना है
इक धुँद से आना है इक धुँद में जाना है
Mir Taqi Mir
Ahmad Faraz
Allama Iqbal
Faiz Ahmad Faiz
Javed Akhtar
Mohsin Naqvi
Parveen Shakir
Gulzar
Anwar Masood
Wasi Shah
Rahat Indori
Jaun Eliya
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आना है तो आ राह में कुछ फेर नहीं है
आज की रात मुरादों की बरात आई है
जो बात तुझ में है तिरी तस्वीर में नहीं
उमीद
अक़ाएद वहम हैं मज़हब ख़याल-ए-ख़ाम है साक़ी
एक तस्वीर-ए-रंग
इंतिज़ार
मैं पल दो पल का शाइ'र हूँ
दुनिया ने तजरबात ओ हवादिस की शक्ल में
यकसूई
जीवन के सफ़र में राही
अभी ज़िंदा हूँ लेकिन सोचता रहता हूँ ख़ल्वत में