रंगों में तेरा अक्स ढला तू न ढल सकी
साँसों की आँच जिस्म की ख़ुश्बू न ढल सकी
Ahmad Faraz
Wasi Shah
Rahat Indori
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Allama Iqbal
Jaun Eliya
Habib Jalib
Javed Akhtar
Anwar Masood
Faiz Ahmad Faiz
Mohsin Naqvi
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गुरेज़
मुझे गले से लगा लो बहुत उदास हूँ मैं
शिकस्त
भड़का रहे हैं आग लब-ए-नग़्मागर से हम
तरब-ज़ारों पे क्या बीती सनम-ख़ानों पे क्या गुज़री
अक़ाएद वहम हैं मज़हब ख़याल-ए-ख़ाम है साक़ी
अब आएँ या न आएँ इधर पूछते चलो
गर ज़िंदगी में मिल गए फिर इत्तिफ़ाक़ से
लम्ह-ए-ग़नीामत
कुछ बातें
जीवन के सफ़र में राही
'गाँधी' हो या 'ग़ालिब' हो