मैं सोचता हूँ मगर याद कुछ नहीं आता
कि इख़्तिताम कहाँ ख़्वाब के सफ़र का हुआ
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दिल चीज़ क्या है आप मिरी जान लीजिए
एक नज़्म
हम ख़ुश हैं हमें धूप विरासत में मिली है
ये क़ाफ़िले यादों के कहीं खो गए होते
वो कौन था वो कहाँ का था क्या हुआ था उसे
सीने में जलन आँखों में तूफ़ान सा क्यूँ है
फ़ैसले की घड़ी
नया खेल
आसमाँ कुछ भी नहीं अब तेरे करने के लिए
आँधियाँ आती थीं लेकिन कभी ऐसा न हुआ
तेरी साँसें मुझ तक आते बादल हो जाएँ
ये क्या है मोहब्बत में तो ऐसा नहीं होता