अहल-ए-हिम्मत को बलाओं पे हँसी आती है
नंग-ए-हस्ती है मुसीबत में परेशाँ होना
Faiz Ahmad Faiz
Javed Akhtar
Wasi Shah
Rahat Indori
Parveen Shakir
Habib Jalib
Mir Taqi Mir
Jaun Eliya
Mohsin Naqvi
Gulzar
Ahmad Faraz
Anwar Masood
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
(550) Peoples Rate This
होश ओ ख़िरद से बेगाना बन जा
हसीं यादों से ख़ल्वत अंजुमन है
देर से आ रही है याद तिरी
कैफ़ जो रूह पे तारी है तुझे क्या मालूम
शौक़ की नुक्ता-दानियाँ न गईं
ख़ुदा शाहिद है मेरे भूलने वाले ब-जुज़ तेरे
तमीज़-ए-ख़्वाब-ओ-हक़ीक़त है शर्त-ए-बेदारी
जाने वाले कभी नहीं आते
ख़ुशी याद आई न ग़म याद आए
शमीम-ए-ज़ुल्फ़-ए-यार आए न आए
ख़ुश-जमालों की याद आती है
रंग लाया दिवाना-पन मेरा