एक शोला सा उठा था दिल में
जाने किस की थी सदा याद नहीं
Allama Iqbal
Javed Akhtar
Gulzar
Wasi Shah
Parveen Shakir
Jaun Eliya
Faiz Ahmad Faiz
Anwar Masood
Mohsin Naqvi
Ahmad Faraz
Mir Taqi Mir
Habib Jalib
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
(543) Peoples Rate This
ये मरहला-हा-ए-शौक़ तौबा तौबा
हज़ार गर्दिश-ए-शाम-ओ-सहर से गुज़रे हैं
चूहा
सौ बार चमन महका सौ बार बहार आई
अरबाब-ए-वफ़ा की जाँ-गुदाज़ी देखी
रात दिन
ऐ दोस्त न पूछ मुझ से क्या है
कुछ और गुमरही-ए-दिल का राज़ क्या होगा
इलाज-ए-दर्द-ए-दिल-ए-सोगवार हो न सका
वो वुसअतें थीं दिल में जो चाहा बना लिया
आँसुओं में अलम का रंग न था