ऐ दोस्त न पूछ मुझ से क्या है
बे-ताबी-ए-इश्क़ का फ़साना
इंसान की ज़िंदगी है फ़ानी
और दिल की तड़प है जावेदाना
Parveen Shakir
Wasi Shah
Habib Jalib
Jaun Eliya
Mohsin Naqvi
Allama Iqbal
Rahat Indori
Javed Akhtar
Faiz Ahmad Faiz
Gulzar
Ahmad Faraz
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ख़ामोशी का राज़ खोलना भी सीखो
काविश-ए-बेश-ओ-कम की बात न कर
तमन्ना कुछ तो ले आती है लब पर
ये शौक़-ए-शराब-ओ-जाम-ओ-मीना कैसा
जवानी के ज़माने याद आए
अरबाब-ए-वफ़ा की जाँ-गुदाज़ी देखी
न जाने कट गया किस बे-ख़ुदी के आलम में
तंहाई
खुल के रोने की तमन्ना थी हमें
किस ने ग़म के जाल बिखेरे
सीने में उछल रही है हसरत मेरी
रस्म-ए-मेहर-ओ-वफ़ा की बात करें